रायपुर/रायगढ़ दौरे से लौटते वक्त मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सिमगा के एक साधारण ढाबे पर रुककर स्थानीय व्यंजन का स्वाद लिया और आमजन से आत्मीय संवाद किया। दिनभर की ‘सुशासन तिहार’ की व्यस्तता के बावजूद मुख्यमंत्री ने जनता से सीधे जुड़ने का मौका नहीं छोड़ा।
मुख्यमंत्री साय ने सिमगा के आनंद ढाबा पर आम लोगों से बैठकर बातचीत की, हालचाल जाना और बिना किसी औपचारिकता के उनके अनुभव सुने। सुरक्षा और तामझाम से दूर, इस दृश्य ने वहां मौजूद लोगों को एक ऐसे जननेता से रूबरू कराया जो सरलता और ज़मीनी जुड़ाव का उदाहरण हैं।
ढाबे पर मौजूद नागरिकों ने मुख्यमंत्री के इस अंदाज़ की सराहना की। कुछ ने तस्वीरें खिंचवाईं, तो कई ने अपने क्षेत्रीय मुद्दे सहजता से उनके सामने रखे। इस पूरे संवाद ने यह संदेश दिया कि सुशासन केवल मंचीय घोषणाओं में नहीं, आम जीवन के स्पर्श में भी जीवित रहता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “जहाँ भी जाता हूँ, वहां के लोगों से मिलना मेरे लिए ऊर्जा का स्रोत है। यह औपचारिकता नहीं, आत्मीयता है।”
सिमगा में मुख्यमंत्री का यह सहज पड़ाव एक संदेश बनकर सामने आया—सुशासन का मतलब सिर्फ योजनाओं की घोषणा नहीं, बल्कि जनता के बीच बैठकर उनके साथ जुड़ना भी है।