नागपुर/राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर देश की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। नागपुर में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में उन्होंने 75 साल की उम्र पार कर चुके नेताओं को ‘रिटायरमेंट’ लेकर युवाओं के लिए रास्ता बनाने की सलाह दी।
नागपुर में दिवंगत RSS विचारक मोरोपंत पिंगले को समर्पित एक पुस्तक के विमोचन समारोह में मोहन भागवत ने कहा —
“जब आप 75 वर्ष के हो जाते हैं तो इसका मतलब है कि आपको अब रुक जाना चाहिए और दूसरों के लिए रास्ता बनाना चाहिए।”
भागवत ने पिंगले का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने खुद कहा था कि जब किसी को 75 साल की शॉल ओढ़ाई जाती है तो उसका अर्थ होता है — अब उम्र हो गई है, अब थोड़ा किनारे हो जाना चाहिए।
भागवत के इस बयान को मौजूदा राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है, जहां कई वरिष्ठ नेता 75 पार कर चुके हैं लेकिन सक्रिय राजनीति में अब भी बने हुए हैं।
हालांकि उन्होंने किसी पार्टी या नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा किस ओर था, इसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।