रायपुर/गढ़चिरौली। ‘लाल आतंक’ के खिलाफ सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पहली बार नक्सल पोलित ब्यूरो मेंबर सोनू दादा उर्फ़ भूपति ने अपने 60 साथियों के साथ सरेंडर कर दिया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सोनू दादा ने कुछ दिन पहले ही सरकार के समक्ष हथियार डालने की इच्छा जताई थी। इसी दौरान नक्सली गुटों में आंतरिक फूट भी देखने को मिली थी। फिलहाल सरेंडर नक्सलियों से पुलिस की पूछताछ जारी है।
सोनू दादा ने जारी किया था शांति का लेटर
पोलित ब्यूरो मेंबर सोनू दादा उर्फ़ भूपति ने हाल ही में एक पत्र जारी कर शांति वार्ता की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि वे अब हिंसा का रास्ता छोड़कर लोकतंत्र में भागीदारी करना चाहते हैं और आने वाले समय में देश की राजनीतिक पार्टियों के साथ काम करेंगे।
पत्र के बाद नक्सली संगठन में दो फाड़
सोनू उर्फ़ वेणुगोपाल राव के इस पत्र के सामने आने के बाद नक्सली संगठन में भारी मतभेद और फूट की स्थिति बन गई थी।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की तेलंगाना स्टेट कमेटी ने पहले इस पत्र को अभय का निजी विचार बताया था, लेकिन बाद में उसे संगठन से बाहर निकाल दिया गया।
कौन है नक्सली सोनू उर्फ अभय?
मोल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ अभय उर्फ भूपति नक्सली संगठन का केंद्रीय कमेटी सदस्य और रणनीतिकार माना जाता है। देवजी के साथ यह महासचिव पद का दावेदार रहा है।
64 वर्षीय अभय को संगठन की नई कमान मिलने की भी चर्चाएं थीं। उस पर ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा का इनाम घोषित है।
खूंखार नक्सली किशनजी का छोटा भाई
तेलंगाना के करीमनगर का रहने वाला सोनू उर्फ अभय खूंखार नक्सली किशनजी का छोटा भाई है। साथ ही नक्सली सीसी सदस्य सुजाता का देवर भी है।
वह नक्सल संगठन में पोलित ब्यूरो सदस्य, केंद्रीय कमेटी सदस्य और प्रवक्ता जैसे अहम पदों पर रह चुका है।

