नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को 22वें बीएसएफ अलंकरण समारोह में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों की बहादुरी को सलाम करते हुए दो पड़ोसी देशों—पाकिस्तान और बांग्लादेश—को बड़ा संदेश दिया।
ऑपरेशन सिंदूर पर शाह का खुलासा
गृहमंत्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने ये साफ कर दिया कि भारत में आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित है। शाह ने बताया कि इस ऑपरेशन की सफलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, एजेंसियों की सटीक खुफिया जानकारी और भारतीय सशस्त्र बलों की घातक क्षमताओं का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के भीतर 100 किलोमीटर तक घुसकर हमला किया और नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया।
बांग्लादेश को याद दिलाया गया 1971 का इतिहास
कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री शाह ने बीएसएफ के गौरवशाली अतीत को याद करते हुए बांग्लादेश को भी सीधा संदेश दिया।
उन्होंने कहा, “भारत कभी नहीं भूल सकता कि 1971 के युद्ध में बीएसएफ ने कैसी बहादुरी दिखाई और किस तरह बांग्लादेश के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। और न ही बांग्लादेश को यह योगदान कभी भूलना चाहिए।”
शाह ने कहा कि अन्याय के खिलाफ लड़ाई में बीएसएफ ने भारतीय सशस्त्र बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ते हुए बहादुरी का अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि 2.75 लाख कर्मियों वाली बीएसएफ दुनिया की सबसे बड़ी सीमा सुरक्षा बलों में से एक है, जो अत्यंत कठिन परिस्थितियों में राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा कर रही है।
दो मोर्चों पर बड़ा संदेश
अमित शाह का यह संबोधन एक ओर जहां पाकिस्तान को भारत की सैन्य तैयारियों का स्पष्ट संकेत देता है, वहीं बांग्लादेश को यह याद दिलाता है कि उसका अतीत भारत के बलिदानों से जुड़ा है।