रायपुर/छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन की दिशा में राज्य सरकार और सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर जिले में आज 9 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें से एक पर ₹24 लाख का इनाम घोषित था। साथ ही, एक अन्य माओवादी मुठभेड़ में न्यूट्रलाइज़ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर कहा कि यह “बदलते बस्तर की तस्वीर है, जहाँ अब बंदूकें झुक रही हैं और विकास की आवाज़ बुलंद हो रही है।” उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि सुरक्षा बलों के अदम्य साहस और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व का परिणाम है।
450 माओवादी न्यूट्रलाइज़, 1579 गिरफ्तार, 1589 ने किया आत्मसमर्पण
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि दिसंबर 2023 से अब तक 450 माओवादी न्यूट्रलाइज़ किए जा चुके हैं, जबकि 1579 माओवादी गिरफ्तार हुए हैं और 1589 ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा, “ये आँकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि नक्सलवाद अब अंतिम चरण में है।”
31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मंशा के अनुरूप 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने माओवादियों के पुनर्वास की प्रक्रिया को तेज़ी से लागू करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के निर्देश भी प्रशासन को दिए हैं।
अमित शाह के नेतृत्व की सराहना
मुख्यमंत्री साय ने गृह मंत्री अमित शाह के अब तक के कार्यकाल को भारत की आंतरिक सुरक्षा का युग बताया और कहा कि, “चाहे अनुच्छेद 370 की समाप्ति हो या आंतरिक सुरक्षा पर निर्णायक प्रहार, उनका नेतृत्व भारत को एक आत्मनिर्भर और सुरक्षित राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ा रहा है।”
बस्तर की नई पहचान: विकास
मुख्यमंत्री ने इस सफलता के लिए सुरक्षाबलों, खुफिया एजेंसियों और प्रशासनिक अमले को बधाई दी और कहा, “बस्तर अब अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ चुका है। विकास ही अब उसकी नई पहचान बनेगा।”