जशपुर/मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में जशपुर जिले के बगिया स्थित सीएम कैंप कार्यालय में सोमवार को एनटीपीसी और जिला प्रशासन के बीच सन्ना पंडरापाठ में तीरंदाजी अकादमी स्थापित करने के लिए एग्रीमेंट किया गया। यह परियोजना एनटीपीसी द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत 20 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत से संचालित की जाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जशपुर क्षेत्र के युवाओं में तीरंदाजी के प्रति अपार संभावनाएं हैं। इस अकादमी की स्थापना से उन्हें प्रशिक्षण, संसाधन और बेहतर मंच मिलेगा जिससे वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।
उन्होंने कहा कि भारत ने 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए दावेदारी प्रस्तुत की है, और छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाएं, यही सरकार का लक्ष्य है। राज्य सरकार ने ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए स्वर्ण पर 3 करोड़, रजत पर 2 करोड़ और कांस्य पर 1 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि की घोषणा की है।
सन्ना पंडरापाठ में बनने वाली यह तीरंदाजी अकादमी 10.27 एकड़ भूमि में विकसित की जाएगी। यहां खिलाड़ियों के लिए छात्रावास, प्रशिक्षण मैदान, पुस्तकालय, चिकित्सा केंद्र, कौशल विकास केंद्र, आउटडोर रेंज और जैविक खेती जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की तीरंदाजी परंपरा प्राचीन और गौरवशाली रही है, अब समय है इसे आधुनिक तकनीक के साथ नई ऊंचाई पर ले जाने का — ताकि जशपुर और छत्तीसगढ़ के युवा ओलंपिक में अपनी निशानेबाज़ी से देश का नाम रोशन कर सकें।

