दिल्ली/रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली के अशोक होटल में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ के ‘बस्तर मॉडल’ ने विशेष पहचान बनाई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा प्रस्तुत बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे सांस्कृतिक और सहभागी नवाचारों को प्रधानमंत्री समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सराहा।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ की स्थापना, ‘अटल मॉनिटरिंग पोर्टल’ और जनसंवाद आधारित योजनाओं के माध्यम से शासन को संवेदनशील और जवाबदेह बनाया गया है। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक एक सामाजिक क्रांति बन चुका है—जिसने युवाओं के हाथों से बंदूकें छीनकर खेल के उपकरण थमा दिए।
मुख्यमंत्री ने पुनेन सन्ना जैसे प्रतिभागियों का ज़िक्र किया, जिन्होंने संघर्षों के बीच खेल को जीवन का जरिया बनाया। बस्तर पंडुम उत्सव के ज़रिए प्रदेश ने न सिर्फ आदिवासी परंपराओं को सम्मान दिया, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय पहचान भी दिलाई।
बैठक में यह सुझाव भी आया कि ‘बस्तर मॉडल’ जैसे नवाचारों को अन्य राज्यों में भी अपनाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इन्हें समाज की जड़ों से जुड़ा, विकासोन्मुख मॉडल बताया।