रायपुर/छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को बस्तर की ऐतिहासिक विरासत और परंपरा से जुड़े ‘गोंचा महापर्व’ में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया। बुधवार रात मुख्यमंत्री निवास में जगदलपुर विधायक श्री किरण देव के नेतृत्व में गोंचा महापर्व आयोजन समिति के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट कर उन्हें न्यौता सौंपा। परंपरानुसार, मुख्यमंत्री को ‘तुपकी’ भेंट कर पारंपरिक सम्मान भी दिया गया।
प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि यह पर्व बस्तर में छह सौ वर्षों से अधिक समय से मनाया जा रहा है, और सामाजिक समरसता का प्रतीक माना जाता है। बस्तर दशहरे के बाद यह सबसे लंबा पर्व होता है, जिसकी शुरुआत 11 जून से चंदन यात्रा के साथ हो चुकी है।

गोंचा की खास परंपरा – तुपकी:
गोंचा महापर्व की पहचान है ‘तुपकी चलाना’, जो एक पारंपरिक खेल है। पोली बांस की नली से बनी तुपकी में एक खास पौधे का फल दबाकर पटाखे जैसी आवाज निकाली जाती है। यह परंपरा पीढ़ियों से बस्तर के आदिवासी समुदाय में जीवंत है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आमंत्रण के लिए आभार जताते हुए पर्व की सभी आयोजकों और बस्तरवासियों को शुभकामनाएं दीं।