रायपुर/FIDE महिला शतरंज विश्व कप-2025 का फाइनल भारत के लिए गौरव और गर्व का क्षण लेकर आया, जब इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में भारत की दो बेटियाँ – दिव्या देशमुख और कोनेरू हम्पी – आमने-सामने रहीं। इस ऐतिहासिक मुकाबले में युवा ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया, जबकि अनुभवी शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी ने रनरअप रहते हुए अपनी काबिलियत फिर एक बार साबित की।
यह मुकाबला सिर्फ दो खिलाड़ियों के बीच नहीं था, बल्कि यह नए भारत की तस्वीर भी थी – एक ऐसा भारत जहाँ बेटियाँ सपने ही नहीं देखतीं, उन्हें हकीकत में भी बदलती हैं।
दिव्या और हम्पी दोनों ने पूरे टूर्नामेंट में जिस संकल्प, एकाग्रता और तकनीकी कौशल का परिचय दिया, उसने देशवासियों का दिल जीत लिया। यह उपलब्धि खासकर देश की युवा पीढ़ी और बेटियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर सामने आई है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दोनों खिलाड़ियों को ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई दी है। मुख्यमंत्री साय ने कहा, “यह जीत भारत की शक्ति, बेटियों की संकल्पशक्ति और खेल प्रतिभा का प्रतीक है। पूरा देश गौरवान्वित है।”
भारत की ये बेटियाँ अब न सिर्फ खेल की दुनिया में, बल्कि समाज की सोच में भी नई दिशा दे रही हैं।