रायपुर/छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों की गिरफ्तारी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अब यह विवाद सियासी रंग ले चुका है। 29 जुलाई को INDI गठबंधन के सांसद और विधायक रायपुर पहुंचे और दुर्ग जेल में बंद ननों से मुलाकात की। आज रायपुर में गठबंधन की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें CPI नेता वृंदा करात ने राज्य सरकार और बजरंग दल पर गंभीर आरोप लगाए।
INDI गठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा गया?
रायपुर में हुई प्रेस वार्ता में वृंदा करात ने कहा कि:
“ननों के साथ छत्तीसगढ़ में जिस तरह का बर्ताव किया गया, वह शर्मनाक है। हमने मुख्यमंत्री को इस मामले में ईमेल भेजा है। ननों से जेल में मुलाकात की गई है, उनके साथ गाली-गलौज और अमानवीय व्यवहार हुआ। यह धर्म के नाम पर टारगेट करने की कोशिश है।”
वृंदा करात का आरोप था कि छत्तीसगढ़ में नियम-कानून ताक पर रख दिए गए हैं और बजरंग दल जैसे संगठनों को लोगों को पीटने की खुली छूट दी जा रही है।
“क्या बजरंग दल को मिला है विशेष अधिकार?” – वृंदा करात का सवाल
CPI नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीखे सवाल उठाए:
क्या छत्तीसगढ़ में अलग कानून चलता है?
क्या बजरंग दल को विशेष अधिकार मिला है कि वो कानून हाथ में लेकर लोगों पर अत्याचार करें?
आदिवासी लड़कियों को पीटा गया, ननों को अपमानित किया गया – क्या यही है ‘सुशासन’?
“ननों पर झूठा आरोप, गालियां दी गईं” – वृंदा करात
वृंदा करात ने कहा:
“नन भी इस देश की नागरिक हैं, समाज की सेवा करती हैं। उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वे ईसाई समुदाय से हैं। जेल में उन्हें गंदी-गंदी गालियां दी गईं और बेइज्जती की गई।”
उन्होंने दोहराया कि यह मामला धार्मिक भेदभाव और समुदाय विशेष को टारगेट करने का है।
क्या है पूरा मामला?
25 जुलाई 2025 को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो नन, एक युवक और तीन आदिवासी युवतियां ट्रेन से यात्रा कर रही थीं।
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इन लड़कियों को धर्मांतरण के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा ले जाया जा रहा है।
मौके पर पहुंची GRP पुलिस ने दो ननों और एक युवक को गिरफ्तार कर लिया।
तीनों पर धर्मांतरण की साजिश का आरोप लगाया गया।
राजनीतिक बवाल: केरल से लेकर दिल्ली तक गूंज
गिरफ्तार दोनों नन केरल की निवासी हैं, और ग्रीन गार्डन्स समुदाय से जुड़ी हैं।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस मामले पर PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा।
AICC महासचिव केसी वेणुगोपाल ने छत्तीसगढ़ के CM को पत्र भेजा।
28 जुलाई को लोकसभा के बाहर UDF सांसदों ने प्रदर्शन किया।
राहुल गांधी ने भी इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।