रायगढ़/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को अमल में लाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने रेडी टू ईट निर्माण और वितरण का कार्य फिर से महिला स्व-सहायता समूहों को सौंप दिया है। इस पहल की शुरुआत रायगढ़ से हुई है, जहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 10 महिला समूहों को अनुबंध पत्र वितरित किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पौष्टिक आहार देने के साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मील का पत्थर साबित होगी। रायगढ़ पहला जिला बना है जहां यह योजना जमीन पर उतरी है।

कार्यक्रम में वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरुआती चरण में यह योजना 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू की जाएगी।
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि राज्य में अधिक से अधिक ‘लखपति दीदी’ तैयार हों। इसी दिशा में महिला समूहों को रेडी टू ईट निर्माण की जिम्मेदारी देकर रोजगार और आत्मनिर्भरता का नया रास्ता खोला गया है।
महिला समूहों को रेडी टू ईट यूनिट लगाने के लिए प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के तहत सब्सिडी भी दी जाएगी। रायगढ़ शहरी और ग्रामीण क्षेत्र समेत पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ और कापू परियोजनाओं के आंगनबाड़ी केंद्रों में इन समूहों के माध्यम से पूरक पोषण आहार का वितरण होगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि डेढ़ साल के भीतर प्रधानमंत्री आवास योजना, धान खरीदी, महतारी वंदन, तेन्दूपत्ता बोनस समेत कई गारंटियों को राज्य सरकार ने पूरा किया है। अब महिलाओं को स्वरोजगार और बच्चों के पोषण में सुधार इस नई पहल से सुनिश्चित होगा।