दुर्ग/छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों की गिरफ्तारी के मामले ने अब राष्ट्रीय सियासत का रूप ले लिया है। दिल्ली तक पहुंची गूंज के बाद अब प्रदेश में भी राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में INDI गठबंधन के 4 सांसद और केरल के 1 विधायक रायपुर पहुंचे और दुर्ग जेल का दौरा किया, जहां दोनों गिरफ्तार ननों को रखा गया है।
गिरफ्तार ननों से मिलने पहुंचे डेलीगेशन को निर्धारित समय पर जेल के भीतर प्रवेश नहीं दिया गया, जिससे मामला गर्मा गया। डेलीगेशन को दोपहर 12:30 बजे का समय दिया गया था, लेकिन उन्हें तय समय पर मुलाकात की इजाजत नहीं मिली। इससे जेल के बाहर विरोध की स्थिति बन गई और बहस का माहौल पैदा हो गया।
भूपेश बघेल ने लिया संज्ञान, मिला मुलाकात का मौका
मामले की जानकारी मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद हस्तक्षेप के लिए दुर्ग जेल पहुंचे। उन्होंने जेल प्रबंधन से बातचीत की और डेलीगेशन को ननों से मिलने की अनुमति दिलाई। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि डेलीगेशन को जानबूझकर रोका गया, जो कि लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, दुर्ग रेलवे स्टेशन से दो मलयाली ननों को तीन आदिवासी युवतियों को कथित तौर पर बहला-फुसलाकर धर्मांतरण के उद्देश्य से ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। GRP थाने में FIR दर्ज हुई और दोनों ननों को जेल भेज दिया गया।