रायपुर/राजधानी में कांग्रेस की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। कांग्रेस के 8 में से 5 पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया है। पार्षदों ने आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के लिए सभापति को पत्र भेजे जाने के बाद अपना इस्तीफा पीसीसी को सौंपा है। इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस की जमकर किरकिरी तो कराई ही है। पार्टी की आंतरिक कलह को सड़क पर ला दिया है।
नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर शुरु हुए पॉलिटिकल ड्रामे ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और शहर कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे के बीच तलवारें खींच दी हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह अहम का टकराव तो है ही, प्रक्रिया का पालन किए बगैर आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने में हड़बड़ी भी बड़ी वजह है। अब इस पूरे मामले में साहू समाज की एक बार फिर एंट्री हुई है।
साहू समाज के युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष देवदत्त साहू ने इसे कांग्रेस पार्टी और दीपक बैज की हार बताया है। उनका कहना है कि अहंकार में आकर कांग्रेस और दीपक बैज ने साहू समाज समेत पिछड़ा वर्ग की नाराजगी मोल ले ली है। तमाम घटनाक्रमों के बीच कांग्रेस के रणनीतिकार इस्तीफा देने वाले पार्षदों को मनाने में जुटे नजर आ रहे हैं। हालांकि फिलहाल उन्हें सफलता मिलती नजर नहीं आ रही है। इस बीच कांग्रेस के पास नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी भी खतरे में पड़ गई है।
माना जा रहा है कि इस्तीफा देने वाले पार्षद स्वयं को प्रतिपक्ष की मान्यता देने की अपील कर सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस में वाइल्ड कार्ड एंट्री लेकर नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी हथियाने वाले आकाश तिवारी को पार्टी से नियुक्ति होने के बाद भी निराशा हाथ लगेगी। बहरहाल इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस की किरकिरी जरूर करा दी है।