रायपुर/मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। गुरुवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ शासन, आईआईएम रायपुर, एनआईटी रायपुर और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के बीच 172 करोड़ रुपये के त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री साय स्वयं साक्षी बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह साझेदारी “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन” को साकार करने में मील का पत्थर साबित होगी। इसके तहत स्थापित होने वाला “श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल नवाचार एवं उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र” युवाओं को शोध, प्रयोग और उद्यमिता के जरिए आत्मनिर्भर बनाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका लाभ केवल आईआईएम और एनआईटी के छात्रों तक सीमित न रहे, बल्कि गांव-गांव के युवाओं तक पहुंचे।

मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के सह-संस्थापक व चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने किसानों के लिए रायपुर में देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र बनाने की घोषणा की। फाउंडेशन ने 172 करोड़ रुपये में से 101 करोड़ आईआईएम रायपुर और 71 करोड़ एनआईटी रायपुर को देने का वचन दिया है। आईआईएम में “ओसवाल छात्रावास” और “दाऊ राम गोपाल अग्रवाल नॉलेज सेंटर” बनेंगे, जबकि एनआईटी में अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” की स्थापना होगी, जो 2030 तक 10,000 युवाओं को प्रशिक्षण, 250 स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन और 5,000 नौकरियां सृजित करेगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब कोर सेक्टर के साथ-साथ सेमीकंडक्टर, एआई, फार्मा, डिफेंस, एयरोस्पेस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। बीते 20 महीनों में 350 से अधिक सुधारों के चलते महज 8 माह में 6.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। उनका आह्वान था कि “छत्तीसगढ़ को संसाधन-आधारित नहीं, नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने वाला राज्य बनाएं।”
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव निहारिका बारीक, सचिव एस. भारतीदासन, सीईओ विजय दयाराम के, आईआईएम व एनआईटी के चेयरमैन, निदेशक, शिक्षाविद और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।