रायपुर/मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य हित से जुड़े कई बड़े निर्णय लिए गए। बैठक में नक्सलवाद उन्मूलन, सुशासन, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और वित्तीय प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
- आत्मसमर्पित नक्सलियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी प्रक्रिया को मंजूरी
कैबिनेट ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की समीक्षा और निराकरण (वापसी) की प्रक्रिया को औपचारिक मंजूरी दी है।
मंत्रिपरिषद उप-समिति का गठन किया जाएगा, जो मामलों की जांच कर उन्हें अंतिम स्वीकृति हेतु कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
यह निर्णय नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 के अनुरूप है।
नक्सलियों के अच्छे आचरण और नक्सलवाद समाप्ति में योगदान को ध्यान में रखते हुए प्रकरण वापसी पर विचार किया जाएगा।
जिला स्तर पर भी समीक्षा समिति का गठन होगा, जो पुलिस मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट भेजेगी।
केंद्र सरकार से जुड़े मामलों के लिए भारत सरकार से अनुमति प्राप्त की जाएगी।
- 14 अधिनियमों में संशोधन हेतु ‘छत्तीसगढ़ जन विश्वास (द्वितीय) विधेयक, 2025’ को मंजूरी
राज्य के 11 विभागों के 14 अधिनियमों में कुल 116 प्रावधानों को सरल बनाकर नागरिकों और व्यवसायों को राहत देने की दिशा में बड़ा निर्णय लिया गया है।
मुख्य बिंदु:
छोटे उल्लंघनों के लिए प्रशासकीय दंड (Administrative Penalty) का प्रावधान होगा।
इससे मामलों का त्वरित निपटारा, न्यायालयों का बोझ कम और नागरिकों को तेजी से राहत मिलेगी।
कई अधिनियमों में वर्षों पुराने दंड प्रावधानों को अपडेट किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने जन विश्वास विधेयक का द्वितीय संस्करण लाया है।
इससे राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा मिलेगा।
- प्रथम अनुपूरक अनुमान 2025-26 के उपस्थापन हेतु विनियोग विधेयक को मंजूरी
कैबिनेट ने विधानसभा में प्रथम अनुपूरक अनुमान 2025-26 प्रस्तुत करने के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी है।यह निर्णय राज्य की वित्तीय आवश्यकताओं और अतिरिक्त व्यय प्रबंधन को सुचारु बनाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

