रायपुर।छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती वर्ष के मानसून सत्र में बिजली दर में वृद्धि को लेकर विपक्ष ने जोरदार तरीके से मुद्दा उठाया। शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि बिजली दर बढ़ने से प्रदेश का हर वर्ग प्रभावित हो रहा है, खासकर गरीब तबका आर्थिक बोझ झेल रहा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा होनी चाहिए थी।
विपक्ष के विधायक संगीता सिन्हा, देवेंद्र यादव, रामकुमार यादव और लखेश्वर बघेल ने भी बिजली दर बढ़ोतरी और अघोषित बिजली कटौती का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। विधायकों ने गांवों में ट्रांसफार्मर लगाने में देरी और स्मार्ट मीटर से ज्यादा बिल आने की शिकायतें भी रखीं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा में जवाब देते हुए कहा कि राज्य में बिजली टैरिफ में केवल 1.89 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई है, जिसका व्यापक असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कृषि पम्पों के भुगतान का जिम्मा सरकार उठाती है, इसलिए किसानों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है और प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत भी काम जारी है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया। इसके बावजूद विपक्ष ने कोई हंगामा नहीं किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने मुख्यमंत्री द्वारा विषय को गंभीरता से लेने पर आभार व्यक्त किया, जिस पर सत्तापक्ष के विधायकों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया।