रायपुर/नक्सल मोर्चे पर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब नक्सलियों की फाइनेंसिंग पर लगाम कसने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी सक्रिय भूमिका निभाएगा। रायपुर में आयोजित “प्लान ऑफ एक्शन टू नक्सल” विषय पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में टेरर फंडिंग के हालिया मामलों और जांच के बिंदुओं पर विस्तार से मंथन हुआ।
8 राज्यों के अधिकारी शामिल, ED-NIA के साझा ऑपरेशन पर जोर
इस अहम बैठक में छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के IG और DIG स्तर के अधिकारी शामिल हुए। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारियों ने भी इसमें भाग लिया। बैठक की अगुवाई IB के स्पेशल डायरेक्टर ऋत्विक रूद्र ने की।
बैठक में टेरर फंडिंग के नेटवर्क, आर्थिक लेनदेन और शहरी सपोर्ट सिस्टम पर एजेंसियों की अब तक की कार्रवाई की समीक्षा की गई। साथ ही, ED और NIA के ज्वाइंट ऑपरेशन को और प्रभावी बनाने पर सहमति बनी।
ED का काम– नक्सलियों की फंडिंग रोकना: उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा
बैठक के बाद छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि,
“अगर किसी मामले में वित्तीय लेनदेन की भूमिका दिखती है, तो वह ईडी को दिया जाएगा। चाहे नक्सलियों का अर्बन बेस हो या लीगल, फाइनैंसियल या रूरल नेटवर्क– सभी पर एजेंसियां एक साथ काम कर रही हैं।”
उन्होंने बताया कि खुफिया एजेंसियों से मिल रही इनपुट पर ED की भूमिका और अहम हो जाती है, जिससे नक्सल संगठनों की आर्थिक रीढ़ तोड़ी जा सके।