रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन खाद संकट का मुद्दा गरमा गया। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने राज्य में खाद की कमी को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जून तक केवल आधा भंडारण ही हो पाया है, ऐसे में किसानों को खाद कैसे मिलेगा?
प्रश्न के जवाब में कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि भारत सरकार से निरंतर संवाद किया जा रहा है और खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि जहां डीएपी की कमी है वहां अन्य विकल्पों को प्रमोट किया जा रहा है, साथ ही डीएपी नैनो को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मंत्री ने दावा किया कि 20 जुलाई तक 18,850 मैट्रिक टन खाद के 24 रैक छत्तीसगढ़ पहुंचने वाले हैं, जिनमें एनपीके और डीएपी दोनों शामिल होंगे।
हालांकि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी विधायकों ने ‘खाद की कालाबाजारी बंद करो’ और ‘कृषि मंत्री इस्तीफा दो’ जैसे नारे लगाए। इसके बाद वे गर्भगृह में धरने पर बैठ गए और फिर सदन से वॉकआउट कर गए।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी खाद की कालाबाजारी पर सवाल उठाए। जवाब में मंत्री नेताम ने बताया कि अब तक 1.72 लाख मैट्रिक टन डीएपी राज्य में पहुंच चुका है और अगले 5 दिनों में 18 हजार मैट्रिक टन और आने वाला है। उन्होंने कहा कि किसी भी किसान को खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी।
सदन में इस मुद्दे को लेकर माहौल खासा गर्म रहा और विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा।