रायपुर/छत्तीसगढ़ सरकार अब बच्चों के पोषण और विकास को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की गहन समीक्षा करते हुए कहा कि नौनिहालों की देखभाल सिर्फ सरकारी योजना नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है।

उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य के प्रत्येक बच्चे तक पोषण, शिक्षा और सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं प्रभावी ढंग से पहुंचें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के पोषण और मानसिक विकास पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है और इसके लिए विभागीय अमले को संवेदनशील और प्रशिक्षित बनाया जाए।

सिस्टम में सुधार के संकेत: होगी जिलावार रिव्यू और जवाबदेही तय
मुख्यमंत्री साय ने आगामी कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में बच्चों और महिलाओं से संबंधित योजनाओं की जिलावार गहन समीक्षा की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सचिव स्तर से मॉनिटरिंग की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि ज़मीनी स्तर पर योजनाओं का असर दिखे। उन्होंने कलेक्टरों को भी निर्देशित किया कि वे इन योजनाओं की नियमित रिव्यू मीटिंग करें और कमियों को समय रहते दुरुस्त करें।
PVTG समुदाय के बच्चों पर विशेष ध्यान, आंगनबाड़ी केंद्रों की होगी मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री ने पीएम जनमन योजना के अंतर्गत संचालित 197 आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यप्रणाली की जानकारी ली और कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के पोषण और शिक्षा को लेकर अतिरिक्त संवेदनशीलता बरती जाए। उन्होंने पूरक पोषण आहार की गुणवत्ता और मानकों पर सतत निगरानी के निर्देश दिए।
‘सूचकांक’ बनेंगे निगरानी का आधार, कमियों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि पोषण से जुड़ी योजनाओं की सफलता का मूल्यांकन सिर्फ आंकड़ों से नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत और स्वास्थ्य सूचकांकों से किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जहां भी गिरावट नज़र आए, वहां तत्काल एक्शन लिया जाए।
सिर्फ योजना नहीं, बच्चों के साथ भावनात्मक जुड़ाव भी ज़रूरी: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों से भावनात्मक जुड़ाव बनाएं, क्योंकि मानसिक विकास के लिए यह पहलू बेहद अहम होता है। उन्होंने विभागीय स्टाफ के नियमित प्रशिक्षण और रिसर्च-बेस्ड अप्रोच पर भी जोर दिया।