रायपुर/छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “नक्सलियों और सरकार के बीच गुप्त डील हुई है।” उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री जगदलपुर में मौजूद थे, फिर वे सरेंडर स्थल पर क्यों नहीं गए? क्या पूरा सरेंडर ऑपरेशन सिर्फ दिखावा था?
दीपक बैज ने यह भी कहा कि “सरकार बताए, क्या रुपेश उर्फ अभय जैसे बड़े नक्सली चेहरों से कोई गुप्त समझौता हुआ है? उन्हें मीडिया के सामने क्यों नहीं लाया गया?”
इन आरोपों पर बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने तीखा पलटवार करते हुए कहा — “नक्सलियों से कोई गुप्त वार्ता नहीं हुई। कांग्रेस के समय में ही नक्सलवाद फैला। झीरम कांड के आरोपियों को कांग्रेस ने क्यों नहीं पकड़ा? 5 साल सत्ता में रहकर भी उन्होंने कुछ नहीं किया।”
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की बढ़ती घटनाओं के बीच यह मुद्दा अब सियासी तकरार का केंद्र बन गया है। दोनों दल एक-दूसरे पर नक्सलवाद को लेकर सवाल दाग रहे हैं, जिससे बस्तर की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है।

