रायपुर/मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शनिवार को मंत्रालय महानदी भवन में आवास एवं पर्यावरण विभाग के काम-काज की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने नवा रायपुर क्षेत्र के सुव्यवस्थित विकास को सरकार की शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए कहा कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर यहां नागरिक सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) के अंतर्गत संचालित कार्यों की प्रगति की जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में वित्त एवं आवास पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, आवास एवं पर्यावरण सचिव अंकित आनंद, एनआरडीए सीईओ चंदन कुमार, गृह निर्माण मंडल आयुक्त अवनीश शरण, रायपुर विकास प्राधिकरण सीईओ आकाश छिकारा समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर देश की सबसे आधुनिक और खूबसूरत राजधानी के रूप में विकसित हो रही है। यहां आईआईएम, ट्रिपल आईटी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे शीर्ष शैक्षणिक संस्थान स्थापित हैं। भविष्य में यहां आबादी और बसाहट बढ़ेगी, ऐसे में बेहतर रेल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक सुविधाओं का विकास जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने परमालकसा-खरसिया नई रेलवे लाइन को नवा रायपुर से जोड़ने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में रेल सुविधाओं का विस्तार होगा और लोगों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही भारतमाला परियोजना के तहत विशाखापट्टनम को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे के निर्माण और नवा रायपुर में लॉजिस्टिक हब विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। अधिकारियों ने बताया कि एक्सप्रेस-वे का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जिससे रायपुर से विशाखापट्टनम की दूरी 100 किलोमीटर कम हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजोन के तहत नवा रायपुर क्षेत्र में पीपल, बरगद, करंज, नीम, अशोक, अमलतास, गुलमोहर जैसे पौधों के रोपण की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने आयोग-बोर्ड-निगम के लिए कॉम्प्लेक्स निर्माण, कामकाजी महिलाओं के लिए वर्किंग वूमन हॉस्टल, 100 बिस्तर अस्पताल और एक नए थाने की स्थापना के प्रस्तावों की समीक्षा कर शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर में नवीन भवनों के निर्माण के लिए आबंटित भूखंडों का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, गृह निर्माण मंडल, नगर तथा ग्राम निवेश, छत्तीसगढ़ भू-संपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) और रायपुर विकास प्राधिकरण के कामकाज की भी विस्तार से समीक्षा की।